ब्लॉग आर्काइव

गुरुवार, 26 जुलाई 2018

Pakistan General Election पाकिस्तान के आम चुनाव और भविष्य का संभावित पाकिस्तान

रूझभेल्ट पूर्व अमेरिकी प्रेसीडेंट ने विश्वयुद्ध के समय कहा था कि- हिंद महासागर पर जिस देश का आधिपत्य होगा वही सही मायने मे विश्व की महा शक्ति होगा...........
सो भारत तीन ओर से हिन्द महासागर से घिरा हुआ है साथ ही दो छोटे समुद्र व खाडीयां भी भारत लगी हुई है और भारतीय नौसेना का इन सभी पे बेपनाह हुकुमत जलजला कायम है
पहले तो भारत पर अंग्रेजी शासन के कारण दो सौ वर्षों तक इस समुद्री इलाके पर कब्जा होने से अंग्रेजो को दुनिया का दादा बनाये रखा................................. इससे रूझवेल्ट का कथन सही सिद्ध होता है लेकिन अंग्रेजो के जाने के बाद अमेरीका व चीन ने हिन्द महासागर को कब्जीयाने अखण्ड कोशिस मे आजतक लगे पडे है लेकिन कोई कायदे का ठिकाना न ढुँढ सके आजतक
और भारत है के स्वतंत्रता के बाद भी इस इलाके मे किसी की दाल नही गलने दी है
खैर मामला पाकिस्तान के पांच टुकड़े होने पर क्यो क्या कैसे किसके फायदे के लिए होगा क्योकि दुनिया के सभी देशों के लिए भारत ने पांच पाकिस्तान का बड़ा सा मोटा सा रंगीन लाभदायक लालीपॉपी अॉफर दिखा दिया है
.....तो इसमें भारत बलुचो के साथ होगा मुख्य वजह भारत ईरान तेल पाइप लाइन,ग्वादर व चीनी सिपेक रोकना है और पीओके तो है ही भारत का
.....................रूस व चीन सिंध पर नजर गडाए है कारण हिन्द महासागर मे सिधी इंट्री जिसमे की चीन ने बिशालकाय सडक परियोजना सिपेक बनाना आरम्भ कर चुका है पर मोदी के आने के बाद भारत के कडे विरोध से यह समय से पुरी न हो सकी और अब इस परियोजना का कॉस्ट रेट पाकीस्तान को कंगाल करने के दरवाजे पे पंहुचा चुकी है सो रूस इसी वजह से संयुक्त सैन्य अभ्यास कर पाक मे जड़ जमाने के फिराक मे है और भारत रूस का तनिक भी विरोध नहीं कर रहा है यह समझे क्यों, जो चीनी ड्रेगन पूरे पाक अकेले को निगलने वाला था अपने हिस्से कुछ न मिलता देख छाती पीट रहा है
..............पंजाब पर अमेरिका व EU की नजर है सेंट्रल एशिया मे अमेरिका व नाटो कंट्री के पास कोई सुरक्षित ठौर नही है जहां से वह भारत चीन इरान समेत मध्य एशिया पर नजर रख सके.......
और पखतुनीस्तान का अफगानिस्तान मे मिलना तय है
..............बाकी जो हिस्सा बचेगा वो इरान के काम आयेगा ईरान चुप चाप तमासा देख रहा है क्योंकि इस बँटवारा कांड में बीना मेहनत के कुछ न कुछ उसे हर हाल मे मिलने ही है
पहले आओ पहले पाओ के आधार पर बँटवारा होगा और रूस चीन पहले आ चुके हैऔर रूस इसबार आफगान वाली गलती नही करेगा,
युरोपियन यूनियन ने भी कचाइन शुरू कर दिया है
अमेरिका भी घुसने को बेकरार और पहले ही पंजाब पर अंगुली रख दिया है कि यदि ये इलाका मेरा नही तो कोऊ इकोनोमिकल सपोर्ट न दूंगा न किसी को देने दूंगा।
इस फिल्म की लंबाई एक साढ़े एक साल मे संभवतह पुरी होगी प्रोमो 2017 से अभी तक चल रहा है अभी तो रिलीज की शुरूआत का साल है ।
दुनिया भर में भारत ही एक ऐसा देश है जो किसी भी तरह से छोटे छोटे राज्यों के शासन प्रशासन को उचित मानता है
और समय समय पर भारत सरकार बडे राज्यों का विभाजन कर नये राज्य बना देता है
हालाँकि सभी नवगठित छोटे राज्य अलग होने के बाद जबरदस्त विकास किये
इसे देख दुनिया के सभी बडे मुल्क आश्चर्यचकित है और लगभग सभी अपने देश मे ऐसी ही निति का निर्माण कर कर रहे है
लेकिन असल मामला है
पाकिस्तान का -अगर पाकिस्तान के पांच टुकड़े होते हैं तब सबको मानसिक खुशी होगी आप लोग क्या सोचते है पाक नही जानता पाक सेना क्या कर रही है
सो कथित लोकतांत्रिक पाक को बचाने का सेना के पास बस एक ही तरीका था अंदर से कट्टर धार्मीक पाक ही विभाजन रोक सकता और बाहर से माडर्न दिखने व रहनुमाई करने वाला चेहरा बिठाना सो इमरान खान से बढीया थोबडा कौन हो सकता था, पर अबतक जिन मुल्कों ने कट्टरता आपनाऊ है वे कुछ वर्षों मे तबाह हो गये हैं
 लेकिन पाक के सबसे बडे सूबे पंजाब के आवाम के साथ खुद 80%पंजाबी अफसरो वाली पाक आर्मी का इमरान के सपोर्ट मे खडा होना धोका लग रहा है जहां कि नवाज व भाई शाहबाज शरीफ की लोकप्रीयता का कोई जोड ही नही फिर इतनी कम सीट कैसे जब बेनजीर मरी थी तो उस सिंपैथी मे भी पीएमएलएन की ऐसी हालत न हुई।
वैसे जब सब अलग होगें तो जैसे सिंध मुल्तान पंजाब बलूच बाटील पेशावरी पख्तून अपने अपने कल्चर के हिसाब से अपना डेवलपमेंट करेंगे यह तय है
वैसे भी दुनिया के सारे देशों के इन नये देशों मे इनवेस्ट के लिए अलग अलग स्वार्थ होंगे और निवेश भी विकास के लिए ही होंगे या किसी और मकसद से यह दिखने लगा है।
परंतु इस्लामिक देशों व उनके संगठन में देशों की संख्या का इजाफा होगा ही।
बाकी भारत के लिए गरीब दोस्त या पड़ोस में गरीब दुश्मनों का इजाफा भी तो तय ही है।

कोई टिप्पणी नहीं: