ब्लॉग आर्काइव

मंगलवार, 9 फ़रवरी 2016

वेलेंटाइन दिवस का विरोध क्यों

हम विरोध करते है 
ये न किसी प्रकार से त्यौहार है न हीं कोई धार्मिक आयोजन है और न ही किसी प्रकार का सामाजिक सुधार की प्रेरणा देने वाला आंदोलन टाइप की कोई विशेष तिथिI

ये न हमारे संस्कृति न ही भारतीय समाज के लिए उपयुक्त है और न ही मान्य हैI

और सबसे बड़ा विरोध का कारन है 

कुआँरापन देश में न जाने कितने बड़े बड़े लोग कुंआरे ही इस दुनिया से बैकुंठ सिधार गएI
कितने योग्य महापुरुष अपने जींस ही नहीं फैला पाये इन महापुरुष जैसे लोगों की नस्लें इस मुल्क में रह ही नहीं गयी है

इसमें देखिये कलाम साहब, अटल जी जैसे बड़े नाम है

मेरे कुछ मित्र भी है जिनकी अभी तक शादियां तक नहीं हुई है, कितने आज भी होने वाली संगिनी के लिए अच्छी आमदनी वाले जॉब या व्यापर की तैयारी में लगे है और इस तैयारी के कारण अच्छी खासी उम्र निकल जाती है ऊपर से सेक्स रेशिओ एक हजार पुरुष पर पुरे देश में लगभग पचास से जयादा लड़कियां कम है मतलब औसतन पचास लोगो की शादियां नहीं होनी है,हरियाण जैसे राज्यों में तो हालत और भी ख़राब है वहां सेक्स रेशिओ डेढ़ सौ से ज्यादा कम हैI 



और फरबरी इस अधूरे महीने में लोग खोज डे चॉकलेट डे रोज डे प्रपोज डे मना के बिना योग्य हुए बचपन युवा अवस्था में ही पूरी सेटिंग कर ले रहे है जबकी कोई सामाजिक अनुभव नहीं होता कोई मेच्योरिटी नहीं होती योरोपीय समाज की नक़ल करने में सारे भारतीय संस्कारों को को ताक पे रख देते है नव युवक लड़के लड़कियांI

बजरंग दल या कोई अन्य धर्म के संगठन के लोग विरोध करते है है तो मेरा समर्थन है बस जबरदस्ती मारपीट या बेइज्जत करने करने के तरीके से सहमत नहीं हूँ उसके जगह पे सभी सार्वजानिक स्थानो पार्को स्कूलों आदि जगहों पे प्रशासन से अनुमति लेकर कोई धार्मिक आयोजन हफ्ते भर के लिए जैसे यज्ञ हवन पूजन कीर्तन किया जाये या फिर बहुत से महान क्रन्तिकारी देश भक्त के प्रति युवाओ में जागरूकता फैलाई जाये और भी बहुत से विचार हो सकते हैI 
हमे तो भारतीय संस्कारों को खत्म करने या उसपे प्रहार करने का कोई षड्यंत्र सा दिखने लगा है

लेकिन मुझे यदि तिथियाँ घोषित करने का अधिकार कभी प्राप्त हुआ तो हम चौदह फरबरी को भ्राता दिवस या भाई दिवस घोषित  कर देंगे  वो भी सरकारी तौर पेI वइसे भी मेरे भाई का जन्मदिन है चौदह फरबरी कोI