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शनिवार, 7 मार्च 2020

Extras के अमिताभ बच्चन केदारनाथ सहगल

             एक्सट्रस के अमिताभ बच्चन

500 से अधिक फिल्मों किसी भी फ़िल्म में 1 मिनट 2 मिनट के लिए ही नजर आया सामान्य किंतु टू लाइनर जबरदस्त संवाद के साथ जैसे ।
I am sorry,
 पुलिस ने तुम्हे चारों ओर से घेर लिया है,
order order,
अब दवा से ज्यादा दुआ पर भरोसा करो जैसे तमाम कालजयी संवादों के जनक रहे "केदार नाथ सहगल".... नाम से कुछ मालूम चला क्या? चलेगा भी नहीं। क्योंकि कोई इस अभिनेता का नाम नहीं जानता। हाँ... पहचानते सब हैं। पर कभी किसी ने इनकी ओर ध्यान ही नहीं दिया।
केदार साहब एक्स 80-90 के दशक में हर दूसरी फिल्म में नजर आते थे।
शोले जैसी फ़िल्म में टंकी वाले सीन में
"ये सुसैइड क्या होता हैभईया "
जैसा सफल डॉयलॉग इन्ही ने कहा था।


 अमर अकबर एंथोनी, परवरिश, डॉन जैसी तमाम सफल फिल्मों में इनकी भागीदारी रही। जज, वकील, पुलिस इंस्पेक्टर से लेकर किसी गांव वाले या ग्लास पकड़ कर पार्टी में खड़े होने वाले किसी उद्योगपति का किरदार इन्होंने बहुत खूबी से निभाया। माजक नहीं पर ऐसे छोटे किरदारों और मेहनती लोगों की वजह से ही फिल्में सफल होती हैं। केदार साहब ने अपनी इन छोटी छोटी भूमिकाओं से ही पूरा जीवन यापन किया। 1941 में पृथ्वी राजकपूर साहब की सिकंदर फ़िल्म से शुरू हुआ इनका अभिनय 2013 तक इनकी मृत्यु तक चला।
हम अक्सर इनके बारे में सोचते थे की यह कौन हैं जो अक्सर फिल्मों में नजर आते हैं। किंतु मालूम न चल पाता था।
आज इस पोस्ट के माध्यम से न सिर्फ अपने साथ ही केदार साहब को भी अपनी इस पोस्ट के माद्यम से अपने मित्रों तक पहचान करवाना चाहता हूँ। साथ ही धन्यवाद भी 👍👍
सभार- ललित शर्माजी
और जैसे कि लगता सुरेंद्र मिश्रा की कामयाब ऐसे ही किसी कलाकार के जीवन से प्रेरित हो के बनी है