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मंगलवार, 16 जनवरी 2018

सोमालिया के समुद्री डाकू में INS विक्रांत का खौफ


ये समुद्री डकैत बड़े ही शांतिप्रिय समाज के होते है और सोमालिया के आधे से थोड़े काम हिस्से में इनकी हुकूमत है सोमालिया की केंद्रीय सरकार का कोई नियंत्रण इन डाकुओं पर नहीं है तो ये डाकू भिया लोग अपहरण करते है यही इनका पेशा व्यापार है जिनमे इन्हो ने महारथ हासिल करी हुई है.
लेकिन अपहरण किसका करते है मुख्यतः व्यापारिक जल पोतों का। चाहे कैसे भी हो किसी कंपनी की हो या किसी सम्प्रभु शक्तिशाली राष्ट्र की जल पोत हो, अपहरण कर ही लेते है कोई फर्क नहीं पड़ता है मय केबिन कृ के मेम्बरों सहित
भूमध्य सागर से लाल सागर के इलाके से गुजरने वाले पोतों को ये हिन्द महा सागर में घेर लेते है ये बाकायदे रॉकेट लांचर, स्टिंगर व् अत्याधुनिक हथियारों से लैस होते है और सामान्य गस्ती स्पीड बोटो से से ही हमला करते है एक अनुमान के मुताबिक सन् 2005 से लेकर सोमालिया के समुद्री डकैतों ने 149 जहाज़ों को कब्ज़े में लेकर 30 करोड़ डालर से अधिक धनराशि फिरौती के रूप में हासिल की।
ये डकैत लोग अमूमन कंपनियों से या उस देश से सीधे फिरौती की मांग करते है कोई डर नहीं होता है
लेकिन एक खास बात ये की ये जल पोत कर्मियों को अनावश्यक परेशान नहीं करते है अगर उन्हें ये लगा की कोई झूठ या राजनीती की जा रही है तो बहुत ही प्रताड़ित करते है खाना पीना मनोरंजन सभी प्रकार की व्यवस्था किये रहते है,
बात यु शुरू हुई की बुधवार को सभी नए पुराने मित्र लोग #हिन्दूहास्टल में जमा थे मुझे भी जबरन यहाँ से उठ्वालिया गया मै पहुंचा हाथ व् गले मिलान समारोह ख़त्म हुआ सब अपनी कथा व्यथा सुने सुनाये।
भाई #अश्वनीयादव चंदौली वाले JNU से MBA है वो भी आये हुए थे उनसे पूछा की पिताजी तो रिटायर हो गए होंगे ?
तो बोले नहीं वो अब मर्चेंट नेवी में है योरोप से पूर्वी एशिया तक चलते है
मैंने पूछ ही लिया यार ये रुट वही सोमालिया वाला होगा न, कभी मुलाकात इन डाकुओं से नहीं हुई क्या,
बोले इंडियन नेवी का खौफ पुरे हिन्द महासागर अरब सागर बंगाल की खाड़ी ऑस्ट्रेलिया तक है कोई पत्ता भी उड़ के या तैर के बिना इंडियन नेवी नजरो से गुजरता नहीं है सारी दुनिया भारत के इस दबदबे से परेशान है और आइएनएस विक्रांत अकेले ही तहलका मचाये हुए है
जब साल २००६ में एक भारतीय जहाज का अपहरण किया गया था फिर उसके बाद से ऐसे कोई बड़ी घटना भारतीय जहाजो के साथ नहीं हुई क्यों की सभी भारतीय जहाजो को नेवी के संपर्क में रहने को कहा गया और जराभी संदेह होने पर सुचना मिलते ही नेवी पहुँच जाती है।
आज दुनिया के रूस और सभी बड़े योरोपियन देश भारत के साथ मिल के निगरानी करते है लाल सागर का लेकिन सोमलियानं में विक्रांत का इतना खौफ है की वो जल्दी किसी भारतीय जहाज के तरफ देखते नहीं है क्यों की कई बार नेवी ने बड़ी दुर्दशा की है इन लोगो की.
सेना दिवस की शुभकामनाओं के साथ