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रविवार, 3 मई 2020

करोना महामारी में पड़ोसी देश ने जनता के लिए क्या किया

★ केंद्रीय सरकार ने क्या-क्या किया है इस  लॉकडाउन एपिडेमिक के टाइम में जैसे खजाने का मुहं खोल दिया गया,पूरा सिस्टम सेना पुलिस प्रशासन मदद पहुंचा रहा है,
सबसे पहले सरकार ने गैस, डीजल एवं पेट्रोल के दाम डॉलर के अनुपात में 35 से 40 परसेंट दो चरणों में घटा दिए है जिसके कारण पेट्रोल का मूल्य 75 से ₹80 के बीच में ठहरता है ऐसा करने से खाद्यान्न एवं अन्य आवश्यक बस्तुओं के मूल्य बढ़ने नही पाए,
शगैर पंजीकृत व्यापारियों रोड साइड फूड सेलर, कम दूरी के छोटे वाहन चालकों, प्लंबर इलेक्ट्रिशियन रेहडी वाले आदि जो रोजाना दिहाडी कमाके खाने वाले थे  के घरों का पता करके उनके परिवारों को कई चरणों में 15 दिन से एक महीने तक के राशन दिये गये,
फिर प्रथम चरण में सरकार ने अकुशल श्रमिकों का उनकी वर्किंग प्लेस पर जगह जाकर के उनका पंजीकरण किया और सब को कैश बांटा गया,
दूसरे चरण में सरकार ने सर्विस सेक्टर के लोगों जैसे की होटल डिलीवरी आदि से जुड़े कार्मिकों का पंजीकरण किया है और उनको पैसे दिए है
उपरोक्त सब अहसास नमक योजना के तहत किया गया,  यह सब करने के लिए सरकार ने पीएम केयर फंड बनाया और उसमें कहा गया कि इसमें अगर आप कोई 1 पैसे डालते हैं तो सरकार उसमें उसके चार गुने पैसे डालेगी और लोगों की सहायता करी जाएगी, सॉरी धनराशि ऑडिटेबल होगी, कौन पैसे कहां कहां खर्च किए गए किसको किसको दिए गए सब कुछ एक वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाएगा,
इसके साथ ही सरकारी किचेन में लाखों लोग दोनों टाइम भरपेट खाना दिया जा रहा हैं,
एक डेढ़ महीने के बाद से सरकार ने भी विनिर्माण उत्पादन आदि के क्षेत्रों में कुछ इंस्ट्रक्शंस के साथ कार्य करने की अनुमति भी दे दी है,
उपरोक्त सभी कार्य जिला प्रशासन एवं पांच लाख सैनिकों के सहयोग से मात्र पंद्रह दिनों मे ही कर दिया गया है
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि हमारे देश में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को देखते हुए जनता से अपील है कि वह खुद ही  लॉकडाउन के लिए आगे आए और पालन करें, सोशल डिस्टेंस का ख्याल रखें, हम आपको किसी भी गलतफहमी में नहीं रखना चाहते हैं सच्चाई यह है कि करोना महामारी आज या 6 महीने बाद या हो सकता है सालों तक चल सकता है, क्योंकि इसका कोई शर्तिया इलाज या वैक्सीन अभी तक नहीं आ पाई है सो हमें संयम से काम लेना होगा और सरकार आपकी सहायता के लिए हर वक्त तैयार है
उपरोक्त सेवाएं कर्जे मे डूबे, कटोरा ले दर दर मांगते, सैन्य शासित पाकिस्तान सरकार द्वारा ने अपनी जनता को दी गई हैं
और भारत की मजबूत सरकार ने भी यही सब किया हो सकता है पर किसी को ये नहीं पता कि आखिर ये सब हो कहाँ रहा है, चीजें मिल किसे रही हैं, सारा अनाज वैसे ट्रकों मे लद के जा कहाँ रहा है सरकार लाकडॉउन के लटकते ताले के सिवा और कुछ नहीं दिखा समझा पा रही है अपने देश की जनता को और जैसे लगता है उनके खुद के रहमों करम पर जीने मरने को छोड़ दिया गया है