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शनिवार, 25 मार्च 2017

रोमियो जिन्दा हो उठा है

रोमियो, जूलियट नामक लड़की से प्यार करता था, और जूलियट के भाई का नाम ऐखिलैस था और वह राज परिवार से है, वह हमेशा रोमियो को रस्ते से हटाने के फ़िराक में रहता था, रोमियो तेजाब पि के और जूलियट ने  खंजर से आत्महत्या कर ली, रोमन पृष्ठ भूमि की कहानी को शेक्शपीयर ने लिखा था

दो महाद्वीप छोड़ कर रोमियो का नाम भारत के एक राज्य में जिन्दा हो उठा है  उत्तर प्रदेश भारत के एक मात्र ऐसा राज्य जो भाषाई व् रहन सहन के आधार विभाजित नहीं हुआ, अवधि बुन्देली खड़ी आदि कई तरह की बोली और रहन सहन राज्य के अलग अलग हिस्सो में अलग है एकता में अनेकता लिए यह राज्य सिकुड़ रहा था भरोसे विश्वाश की कमी आने लगी थी जरा देखे पूर्व DGP, UP विक्रम सिंह कहते है उत्तर प्रदेश में छेड़खानी एक समस्या नहीं है, ये एक महामारी है, लेकिन पत्रकारिता से जुड़े बहुतेरे लोग साथ अन्य बुद्धिजीवी इसे ही प्रेम के रूप में अभिव्यक्ति दे रहे है

प्रेम बहुत ही गूढ़ विषय होता है कोई व्याख्या सटीक हो ही  नहीं सकती, प्रेम रॉयल और डिसेंट तरीके से करना होता है न की सड़को चौराहों गर्ल्स कालेज आदि जगहों पर गून्स गैंग बनाके, छींटाकसी छेड़खानी आदि की जाये, अगर कोई इसे  प्रेम कहता है तो लतियाने के अलावा कोई दूसरा इलाज है ही नहीं,
प्रेम शांत और एकांत जगह माँगता है, साथ ही  सुरक्षा की गारंटी भी।  यौवन की  दहलीज पावँ रखते युवक युवती समझ नहीं पाते, इनकार पे दिल टूटता है तो आत्माहत्या या तेजाब कांड करते है.

यवन अवस्था में स्टूडेंट लगभग बारहवीं के क्लास में होते है, और बारहवीं के क्लास में साहित्य अनिवर्य होता है साहित्य व् इतिहास में तत्कालीन समाज की अवस्था व्यवस्था दर्शाने, प्रेम युद्ध राजनीती कूटनीति का सबसे उपयुक्त माध्य्म होता है सो भाषा साहित्य जिसमे तीन भाषा जरुरी है कविता कहानियो के आलावा तीनो भाषाओँ  की भरी भरकम उपन्यास भी पढ़ने होते थे, हिंदी में ज्वलामुखी (चंद्रगुप्त हेलेन का प्रेम), संस्कृत में अभिज्ञानशाकुंतलम और अंग्रेजी में जूलियस शिजर, यूपी बोर्ड में पढ़ने वाले बहुत लोगों ने पढ़ी होगी, यह एक तरह की सीख जैसे रही।

इन सभी में राजनीती कूटनीति युद्ध आदि के साथ प्रेम कहानी ही मुख्य है, सभी रॉयल लव स्टोरी है, कही भी छेड़खानी, जबरदस्ती छींटाकसी डरावनापन नहीं है, स्त्री गरिमा का आदर किया गया है उस समय जब की बIहुबल व् सैन्य बल आधारित समाज था।
 
स्त्री का स्वच्छ ह्रदय से आदर करो उसे स्वयं ही प्रेम हो जायेगा।