सनातन का मूल- धर्मो रक्षति एवं गंगाया जले विषाणु न जन्नयते,
मठ मंदिर देवालय सब बंद है तो फिर कौन है आपके पीछे खड़ा जो आपको सुरक्षित रखे हुए हैं
तो सनातन संस्कृति में प्रकृति वृक्ष पेड़ पौधे नदी वायु जल पहाड़ आकाश आदि सभी को दृष्य प्रकट देव माना गया है कोई आवश्यक नहीं है कि हमलोग देवालय में ही जाएं और पूजा पाठ अराधना कर देवों को प्रसन्न कर किसी संकट से मुक्ति पा सके, सनातन का फैलाव असीमित अनंत है हर तरीके से आध्यात्मिक संतुष्टि देने वाला है
जैसा कि सबको ज्ञात है कि भारत में प्रयागराज गंगा किनारे कुंभ व माघ मेला का तो आयोजन प्रति वर्ष होता है जहां पर करोड़ों श्रद्धालु आकर के स्नान करके चले जाते हैं यह प्रक्रिया, व्यवस्थापन व मेला तकरीबन कई महीनों तक चलता है और यह मेला प्रतिवर्ष जनवरी के दूसरे पखवाड़े उत्तरार्ध में आरंभ होता है और फरवरी के अंत तक चलता है शिवरात्रि के दिन आखिरी स्नान मान्य है कुल मिलाकर होली के 2 दिन पूर्व तक श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है
देश के सनातन धर्मी जो भी प्रयागराज आता है वह श्रद्धानवत होकर के गंगाजल को भी अपने साथ में ले जाता है और कमोबेश कभी भी आए कहीं भी गंगा किनारे चाहे जहां भी उसे गंगा के दर्शन हो वो वहीं से गंगाजल को लेजाकर अपने घर में रखता जरूर
कमोबेश इस वर्ष भी ऐसे ही हालात थे जिसमें जबरदस्त गैदरिंग मानव भीड और अनुमानत: 10 करोड़ के आसपास लोग के माघ मेला का पुण्य लाभ लेकर के गए, जैसा कि आपको जानकर हैरानी होगी तकरीबन 15 से पचास हजार के बीच विदेशी नागरिक भी आते हैं यह देखने के लिए कि कैसे यहां करोडो का क्राउड मैनेजमेंट किया जा रहा है, हालांकि उन विदेशी लोगों के समझ में आता कुछ नहीं है क्योंकि पब्लिक स्वयं मैंनेज होके आस्था के संगम में डुबकी लगाती है, और यह जितने विदेशी नागरिक आए हुए थे ज्यादातर उन्हीं संक्रमित देशों से आए थे जहां क्रोना महामारी के तौर पर लोगों की जान ले रही होती है
भारत मे भी यह वही समय है जब कोविड-19 कोरोना के बारे में WHO समेत सारी दुनिया को मालूम चल रहा होता है जिसे वैश्विक महामारी घोषित कर दिया जाता है और इसी दौरान जनवरी में ही भारत में पहला केस पाया जाता है, भारत सरकार दुनिया भर के देशों से लोगों को एयरलिफ्ट करके ले आ रही होती है इन देशों में फंसे हुए लोग हैं जहां की क्रोना महामारी विकराल रूप से लोगो के प्राण हरण कर रही होती है
यह एयरलिफ्ट तथा स्वमेव आये नागरिक संख्या 15 लाख के तकरीब में होती है, किंतु सनातन की महिमा देखिए सनातन धर्मीयों की आस्था देखिए कि कुंभ की जबरदस्त गैदरिंग में आके चले गए और किसी को भी करोना छू न सका, यह सनातन धर्म की आस्था मे समर्पण, बल, प्रभाव का प्रत्यक्ष प्रमाण है, गंगा किनारे बसे प्रयागराज की महिमा भी अनंत है सोए वाले हनुमान जी का प्रभाव भी अतुलनीय है और अंत में एक सूक्ति गंगाया जले विषाणु न जन्नयते, जय गंगा, जय हनुमान
मठ मंदिर देवालय सब बंद है तो फिर कौन है आपके पीछे खड़ा जो आपको सुरक्षित रखे हुए हैं
तो सनातन संस्कृति में प्रकृति वृक्ष पेड़ पौधे नदी वायु जल पहाड़ आकाश आदि सभी को दृष्य प्रकट देव माना गया है कोई आवश्यक नहीं है कि हमलोग देवालय में ही जाएं और पूजा पाठ अराधना कर देवों को प्रसन्न कर किसी संकट से मुक्ति पा सके, सनातन का फैलाव असीमित अनंत है हर तरीके से आध्यात्मिक संतुष्टि देने वाला है
जैसा कि सबको ज्ञात है कि भारत में प्रयागराज गंगा किनारे कुंभ व माघ मेला का तो आयोजन प्रति वर्ष होता है जहां पर करोड़ों श्रद्धालु आकर के स्नान करके चले जाते हैं यह प्रक्रिया, व्यवस्थापन व मेला तकरीबन कई महीनों तक चलता है और यह मेला प्रतिवर्ष जनवरी के दूसरे पखवाड़े उत्तरार्ध में आरंभ होता है और फरवरी के अंत तक चलता है शिवरात्रि के दिन आखिरी स्नान मान्य है कुल मिलाकर होली के 2 दिन पूर्व तक श्रद्धालुओं का आना जाना लगा रहता है
देश के सनातन धर्मी जो भी प्रयागराज आता है वह श्रद्धानवत होकर के गंगाजल को भी अपने साथ में ले जाता है और कमोबेश कभी भी आए कहीं भी गंगा किनारे चाहे जहां भी उसे गंगा के दर्शन हो वो वहीं से गंगाजल को लेजाकर अपने घर में रखता जरूर
कमोबेश इस वर्ष भी ऐसे ही हालात थे जिसमें जबरदस्त गैदरिंग मानव भीड और अनुमानत: 10 करोड़ के आसपास लोग के माघ मेला का पुण्य लाभ लेकर के गए, जैसा कि आपको जानकर हैरानी होगी तकरीबन 15 से पचास हजार के बीच विदेशी नागरिक भी आते हैं यह देखने के लिए कि कैसे यहां करोडो का क्राउड मैनेजमेंट किया जा रहा है, हालांकि उन विदेशी लोगों के समझ में आता कुछ नहीं है क्योंकि पब्लिक स्वयं मैंनेज होके आस्था के संगम में डुबकी लगाती है, और यह जितने विदेशी नागरिक आए हुए थे ज्यादातर उन्हीं संक्रमित देशों से आए थे जहां क्रोना महामारी के तौर पर लोगों की जान ले रही होती है
भारत मे भी यह वही समय है जब कोविड-19 कोरोना के बारे में WHO समेत सारी दुनिया को मालूम चल रहा होता है जिसे वैश्विक महामारी घोषित कर दिया जाता है और इसी दौरान जनवरी में ही भारत में पहला केस पाया जाता है, भारत सरकार दुनिया भर के देशों से लोगों को एयरलिफ्ट करके ले आ रही होती है इन देशों में फंसे हुए लोग हैं जहां की क्रोना महामारी विकराल रूप से लोगो के प्राण हरण कर रही होती है
यह एयरलिफ्ट तथा स्वमेव आये नागरिक संख्या 15 लाख के तकरीब में होती है, किंतु सनातन की महिमा देखिए सनातन धर्मीयों की आस्था देखिए कि कुंभ की जबरदस्त गैदरिंग में आके चले गए और किसी को भी करोना छू न सका, यह सनातन धर्म की आस्था मे समर्पण, बल, प्रभाव का प्रत्यक्ष प्रमाण है, गंगा किनारे बसे प्रयागराज की महिमा भी अनंत है सोए वाले हनुमान जी का प्रभाव भी अतुलनीय है और अंत में एक सूक्ति गंगाया जले विषाणु न जन्नयते, जय गंगा, जय हनुमान
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गंगाया जले विषाणु न जन्नयते,
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