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बुधवार, 1 अप्रैल 2020

Corona19 का इलाज भारत के पास है

1999 में दो चीनी किआओ लियांग और वांग जियांगसुई के द्वारा लिखी गई पुस्तक, "अप्रतिबंधित युद्ध: अमेरिका को नष्ट करने के लिए चीन का मास्टर प्लान"
जिसमे लेखक द्वय आज के वायरस संक्रमण जनित परिस्थीति से योरोप को दो महीने व अमेरीका के लिए सौ दिन का लक्ष्य निर्धारित कर रखा, इतने दिन की बंदी मे इनकी अर्थव्यवस्था जमीन सूंघने लगेगी अन्य तथ्य भी किताबों मे मौजूद है।
किंतु रूस और उत्तर कोरिया कोरोना से पूरी तरह से मुक्त हैं? पहले तो वे चीन के कट्टर सहयोगी हैं। उसपे भी यदि रूस के खिलाफ चीन कोई कदम उठाता तो रूस चीन को कहीं का नही छोडता,

जैसे कि यह कहा जा रहाकि बीजिंग में कोई क्यों नहीं मारा गया? केवल वुहान ही क्यों? तो संभावना ये है चीनी सरकार वायरस के एंटी डोड का उपयोग कर रही हैं। वुहान भी अब व्यापार के लिए खुल गया है। अमेरिका और योरोप के सभी देश चीन की योजना के अनुसार आर्थिक रूप से जल्दी ही तबाह होने वाले है। क्योकि चीन अमेरिका को सैन्य रूप से नहीं हरा सकता था

भारत की स्थिति क्या है
भारत ने करोना का इलाज ढूंढ लिया है सम्भवत:, यह सिर्फ अनुमान व्यक्त करने वाली बातें हैं किंतु भरोसे लायक भी है, जैसा कि दुनिया भर में मचे हाहाकार से भारत सरकार घबराई हुई और पैनिक सी नहीं है  निश्चिंतता से व्यवस्था कर रही है तो ऐसे ही प्रतीत होता है कि इनके पास इस महामारी का कदाचित इलाज है
हालांक इस बात का दावा नहीं किया जा सकता कि भारत के पास क्रोना की वैक्सिन है किंतु मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पास कोई चिकित्सकीय विधि अवश्य है   यह इसलिए भी संभावित है क्योंकि भारत ने जापानी इंसेफेलाइटिस, जीका, डेंगू, वर्डफ्लू आदि का सफलतापूर्वक इलाज करके अपनी जनता को बचाया है
 भारत में पंद्रह लाख लोग विदेशों से आए हैं जिनमे कि ज्यादातर करो ना से प्रभावित देशों से ही लौटे हैं यह संख्या कम नहीं होती है भारत जैसे देश को इन्फेक्ट कर बर्बाद करने के लिए काफी है  गाहे बगाहे ये लोग छुपे छुपाए सैकडों की संख्या मे पकडे भी जा रहे है लेकिन 8-9 हफ्ते गुजर गए, 1500 के आस-पास कोरोना संक्रमित मीले व लगभग 2 -3दर्जन की मौत हुई,  उसमें भी 80% की मुख्य वजह इनफेक्सन से खुद को छुपाए रखना था
जबकि भारत इजराइल समेत कुछ अन्य देशों को जो कोरोणा से प्रभावित हैं उनको मेडिकल किट और दवाएं सप्लाई कर रहा है जबकि इन देशों में चीन के द्वारा सप्लाई किए हुए किट्स और दवाओं को वापस भेजा जा रहा है बाकी दुनिया का कोई देश इस तरह की मेडिकल सुविधाएं सप्लाई नहीं कर रहा,


इससे प्रमाणित होता है कि भारत के पास जरूर कोई न कोई चिकित्सीय विधि है जबकि लॉकडाउन जैसे नवीन विषय के लिए भारतीय प्रशासनिक अमला प्रशिक्षित नहीं था क्राउड मैनेजमेंट और इस अफरातफरी में लगभग 50% ही यह लोग सफल हो पाए है फिर भी भारत एक तरह से सुरक्षित ही है इन सबके बीच विदेशों में मेडिकल किट्स की सप्लाई पे हम यह कह सकते हैं कि भारतीय प्रधानमंत्री नोबेल प्राइज या योरोप में मसीहा बन अपनी पीठ थप थपाने के लिए ये सब कर रहे है किंतु किंतु हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि इस वजह से चीन के विश्व आर्थिक पटल पे कब्जा करने का प्लान पूरी तरह फेल होता नजर आ रहा है दुनिया का सबसे बड़ा मार्केट भारत चीन से कोई सहायता नहीं ले रहा है

जबकि अमेरिका आदि देश तबाह होके चीन के सामने लगभग सरेंडर कर चुके हैं, ऐसी बौखलाई अवस्था में चीनी भारत को तोड़ने का अतिसय प्रयत्न करेगा या भारत पे आक्रमण करेगा इस प्रकार से अगले वर्ल्ड वार की रूपरेखा निश्चित रूप से तैयार हो रही है अगले दो एक वर्षो में विश्व युद्ध निश्चित है

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