मात्र 50 रूपया 21 साल का ग्रामिण पृष्ठ भूमि का बेरोजगार युवा एक साधारण कैमरा व इंटरनेट जबकि संपत्ति के नाम का कुछ नही
और अगले 4 सालों मे ही 25 वर्ष का होते होते दुनिया का सबसे युवा व सबसे तेजी से बनने वाला मिलेनियर जिसने पच्चीस हजार प्रत्यक्ष व पचास लाख के करीब अप्रत्यक्ष लोगो को रोजगार दे रखा हो
राजस्थान रायगढ के किसान परिवार के मिस्टर अग्रवाल पढाई पुरी करने के बाद बेरोजगार थे और कुछ नया करने की सोच रहे थे और इसी क्रम मे एक दिन वे अपने परिचित के यहा मिलने उसके लॉज में गये वह लाखों का इनवेस्ट लॉज मे कर रखा था किंतु उस निवेस के अनुरूप ग्राहक की कमी से जुझ रहा था उसे बिजनेस में लाभ नही हो रहा था जबकि लॉज के प्रचार मे कोई कसर बाकी नही किया हुआ था
मिस्टर अग्रवाल ने लॉज ओनर से अंदरूनी व्यवस्था व कमरे देखने का निवेदन किया जिसकी सहमती मिलने पर निरिक्षण के बाद लॉज के मालिक से उन्होनो कहा कि आप यदि मेरी बात माने तो लॉज के प्रचार प्रसार के लिए फिर कुछ खर्च करें क्योकि ग्राहको को लॉज के अंदर की व्यवस्था नही मालुम और कोइ यहां आ के आपके लॉज के कमरे व व्यवस्था देखने मे समय नष्ट नही करना चाहेगा सो अंदरूनी व्यवस्था के फोटो ग्राहक के घर होने चाहिए जिसपे खर्च करना होगा किंतु लॉज मालिक अब और खर्च करने के विचार मे नही था तब अग्रवाल ने दुसरा प्रस्ताव रखा यदि यह प्रचार खर्च मै करू और ग्राहक आ के आपके लॉज की सेवाए लेने लगे तो मुझे उससे हुए लाभ मे से भुगतान करना होगा जिसपे लॉज मालिक सहमत हो गया
अग्रवाल ने लॉज के कमरों का व्यवस्थापन साज सज्जा स्वय अपने हाथो करके कुछ फोटोग्राफ अपने कैमरे से ले कर कई सोसल मिडिया के साईटो पर मुल्य व अन्य सेवाओ के डिसक्रिप्सन के साथ लॉज मे रूकने अॉफर किया जिसके परिॅणाम स्वरूप कुछ ही समय में लॉज मे ग्राहको की आमद अचानक बढ गयी और भारत मे यह समय इंटरनेट सस्ते होने के कारण सर्वउपलब्ध था
फिर यही से ग्रामिण पृष्ठ भुमि के रितेश अग्रवाल को OYO होटल्स की प्रेरणा मिली और वे फिर पिछे मुड के नही देखते है
साथ ही भारत मे दम तोडते होटल व्यवसायी व व्यवसाय मे आचानक जबरदस्त उछाल आगया, OYO से जुडे सभी होटल्स ग्राहको की भीड से भरे रहने लगे,
आज भी OYO व Retesh Agrwalके पास किसी एक होटेल का स्वामित्व नही किंतु रितेश के स्वामित्व वाला OYO समुह लाखों होटेल चाला रहा है
और अगले 4 सालों मे ही 25 वर्ष का होते होते दुनिया का सबसे युवा व सबसे तेजी से बनने वाला मिलेनियर जिसने पच्चीस हजार प्रत्यक्ष व पचास लाख के करीब अप्रत्यक्ष लोगो को रोजगार दे रखा हो
राजस्थान रायगढ के किसान परिवार के मिस्टर अग्रवाल पढाई पुरी करने के बाद बेरोजगार थे और कुछ नया करने की सोच रहे थे और इसी क्रम मे एक दिन वे अपने परिचित के यहा मिलने उसके लॉज में गये वह लाखों का इनवेस्ट लॉज मे कर रखा था किंतु उस निवेस के अनुरूप ग्राहक की कमी से जुझ रहा था उसे बिजनेस में लाभ नही हो रहा था जबकि लॉज के प्रचार मे कोई कसर बाकी नही किया हुआ था
मिस्टर अग्रवाल ने लॉज ओनर से अंदरूनी व्यवस्था व कमरे देखने का निवेदन किया जिसकी सहमती मिलने पर निरिक्षण के बाद लॉज के मालिक से उन्होनो कहा कि आप यदि मेरी बात माने तो लॉज के प्रचार प्रसार के लिए फिर कुछ खर्च करें क्योकि ग्राहको को लॉज के अंदर की व्यवस्था नही मालुम और कोइ यहां आ के आपके लॉज के कमरे व व्यवस्था देखने मे समय नष्ट नही करना चाहेगा सो अंदरूनी व्यवस्था के फोटो ग्राहक के घर होने चाहिए जिसपे खर्च करना होगा किंतु लॉज मालिक अब और खर्च करने के विचार मे नही था तब अग्रवाल ने दुसरा प्रस्ताव रखा यदि यह प्रचार खर्च मै करू और ग्राहक आ के आपके लॉज की सेवाए लेने लगे तो मुझे उससे हुए लाभ मे से भुगतान करना होगा जिसपे लॉज मालिक सहमत हो गया
अग्रवाल ने लॉज के कमरों का व्यवस्थापन साज सज्जा स्वय अपने हाथो करके कुछ फोटोग्राफ अपने कैमरे से ले कर कई सोसल मिडिया के साईटो पर मुल्य व अन्य सेवाओ के डिसक्रिप्सन के साथ लॉज मे रूकने अॉफर किया जिसके परिॅणाम स्वरूप कुछ ही समय में लॉज मे ग्राहको की आमद अचानक बढ गयी और भारत मे यह समय इंटरनेट सस्ते होने के कारण सर्वउपलब्ध था
फिर यही से ग्रामिण पृष्ठ भुमि के रितेश अग्रवाल को OYO होटल्स की प्रेरणा मिली और वे फिर पिछे मुड के नही देखते है
साथ ही भारत मे दम तोडते होटल व्यवसायी व व्यवसाय मे आचानक जबरदस्त उछाल आगया, OYO से जुडे सभी होटल्स ग्राहको की भीड से भरे रहने लगे,
आज भी OYO व Retesh Agrwalके पास किसी एक होटेल का स्वामित्व नही किंतु रितेश के स्वामित्व वाला OYO समुह लाखों होटेल चाला रहा है
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